गलवान घाटी से चीनी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया: सूत्र

लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने अपने स्थान से पीछे हटना शुरू कर दिया है। हालांकि, यह साफ नहीं हुआ है कि ऐसा तनाव कम करने के लिए की गई वार्ताओं की वजह से हुआ है या नहीं। लेकिन चीनी सैनिक अपने टेंट को हटाकर पीछे की तरफ ले जा रहे हैं। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है।
बताया गया है कि गलवान नदी में पानी का तेज बहाव भी इसका एक कारण हो सकता है। वहीं, चीनी सैनिकों की इस स्थिति को लेकर भारतीय सेना की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बता दें कि, 30 जून को तनाव कम करने के लिए हुई बैठक में दोनों पक्षों ने तय किया था कि चीनी सेना निर्माण संरचनाओं, जवानों और सेना के वाहनों को गलवां घाटी से तीन दिन में हटाएगी। वहीं, पैंगोंग त्सो और हॉट स्प्रिंग्स से पांच दिनों के भीतर पीछे हटना होगा। हालांकि, पैंगोंग में फिंगर क्षेत्र में सैन्य निर्माण का समाधान खोजने में समय लगने की संभावना थी।
गौरतलब है कि, गलवान घाटी में 15-16 जून की दरमियानी रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। शहीद जवानों में कर्नल रैंक के एक अधिकारी भी शामिल थे। वहीं, इस हिंसक झड़प में चीनी पक्ष के भी 43 जवान हताहत हुए थे। हालांकि, चीन ने अपने हताहत सैनिकों के बारे में जानकारी साझा नहीं की।
सीमा पर हुई झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। सीमा पर तनाव का असर देश में देखने को मिलना शुरू हो गया है। हाल ही में, भारत सरकार ने टिकटॉक समेत चीन के 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
झड़प में शहीद हुए जवानों को लेकर देश में लोगों के बीच चीन के प्रति आक्रोश है। लोग चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं। भारत सरकार ने भी चीनी कंपनियों को दिए गए प्रोजेक्ट को रद्द करना शुरू कर दिया है।