1200 वर्ष पुराने मंदिर में भोलेनाथ के दर्शन को पहुंचे भक्त

शहडोल। यहां के कलचुरी कालीन गुफा मंदिर में सावन के सोमवार के पहले दिन श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते यहां भीड़ नजर नहीं आ रही है, लेकिन मंदिर में सुबह 6 बजे से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। लोग परिवार सहित भगवान शिव की आराधना और पूजा करने के लिए पहुंच रहे हैं। गुफा मंदिर का निर्माण तकरीबन 1200 साल पहले कलचुरी कालीन राजाओं ने कराया था। इस मंदिर की इमारत बड़े-बड़े पत्थरों से तैयार की गई है। मंदिर का पिछला हिस्सा थोड़ा सा जमीन में धंस भी गया है।
शहडोल-उमरिया जिले की सीमा में अंतिम छोर पर स्थित यह शिव गुफा मंदिर शिव भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। सावन सोमवार पर यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है, यहां के पुजारी नर्मदा प्रसाद का कहना है कि भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए आज भी यहां नाग देवता आते हैं।
शहडोल के बाणगंगा तिराहे पर स्थित गणेश मंदिर में स्थित भगवान शिव का शिवलिंग की पूजा अर्चना करते हुए श्रद्धालु। यह शिवलिंग 1400 वर्ष पुराना बताया जाता है।
पांडव कालीन शिवमंदिर में पहुंचे श्रद्धालु
शहडोल पांडव कालीन विराट मंदिर में स्थित शिवलिंग की आराधना और पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां भी कोरोना के कारण लोगों का आना जाना बहुत कम हो रहा है, लेकिन सुबह 11 बजे तक करीब 600 श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आ चुके हैं। यहां लोग भीड़ इकट्ठा नहीं कर रहे हैं शारीरिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन कर रहे हैं, लोगों के चेहरे पर मास्क भी दिखाई दे रहा है।