लद्दाख में सेना की एक और डिवीजन तैनात, वायुसेना की गतिविधियां भी तेज

चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनावपूर्ण संबंधों के चलते भारत ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी तैयारियां काफी तेज कर दी हैं। मोर्चेबंदी को मजबूत करने के लिए सेना ने अपनी एक और डिवीजन तैनात कर दी है। इस बीच वायुसेना के विमानों से भारी-भरकम सैन्य साजोसामान पहुंचाने का काम काफी तेजी से चल रहा है। लड़ाकू विमानों एसयू-30-एमकेआई और मिग-29 ने भी शनिवार को कई उड़ानें भरीं। आमतौर पर यहां एक ही डिविजन रहती है लेकिन अब चार डिवीजन तैनात कर दी गई है।
लद्दाख में अभी तक तीन डिवीजन थीं। इस चौथी डिवीजन से सेना की ताकत और बढ़ जाएगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीमू (लेह) दौरे के दौरान ही डिवीजन के कई अफसरों और जवानों ने नई जिम्मेदारी संभाल ली। बता दें कि एक डिवीजन में 10 हजार सैनिक होते हैं। सूत्रों के अनुसार यह चौथी डिवीजन कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में तैनात थी। डिवीजन के अधिकांश जवान और अधिकारी लेह पहुंचकर मौसम की अनुकूलन प्रक्रिया से गुजर कर पूर्वी लद्दाख में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इस डिवीजन का तोपखाना भी चंद दिनों में लद्दाख पहुंच रहा है। यह पूरी डिवीजन पूर्वी लद्दाख में चीन के सामने मोर्चे पर तैनात रहेगी।
उल्लेखनीय है कि पांच मई से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैन्य तनाव जारी है। गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिसक झड़प में कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे। इस क्षेत्र में चीन के साथ 1962 के बाद कभी युद्ध जैसी स्थिति पैदा नहीं होने के कारण यहां ज्यादा बल की कभी जरूरत नहीं पड़ी थी।