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बरात में महिलाओं के डांस पर बैन, बोलीं- पहले पुरुष छोड़ें शराब

बरात में महिलाओं के डांस पर बैन, बोलीं- पहले पुरुष छोड़ें शराब

गुना। अग्रवाल समाज की महिलाएं शादियों में बरात के दौरान सड़क पर नहीं नाच पाएंगी। इसे सामाजिक कुरीती मानते हुए समाज ने पाबंदी लगा दी है। इस संबंध में अग्रवाल ट्रस्ट गुना ने समाज के व्हॉट्सएप ग्रुप पर लोगों को जानकारी दी है। इसमें कहा है कि सड़क पर महिलाओं के नाचने से लोग व्यंग करते हैं। इसको समाप्त किया जाएगा। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री गोपाल शरण गर्ग के आदेश पर अग्रवाल ट्रस्ट गुना ने भी यह प्रतिबंध लगा दिया है। अग्रवाल ट्रस्ट गुना के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस संबंध में दो दिन बाद बैठक कर मंडल की कमेटियों का गठन करेंगे। गुना जिले में समाज के करीब दो हजार घर हैं।

महिलाएं विवाह समारोह में केवल हल्दी और संगीत कार्यक्रम में घर पर नाच सकेंगी। इधर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग का कहना है कि समाज में संस्कारों में कमी आई तो यह पत्र मैंने चार साल पहले तब लिखा था, जब महामंत्री था, लेकिन आज-कल यह पत्र पूरे देश में वायरल हो रहा है। इस प्रतिबंध का पूरा अग्रवाल समाज समर्थन कर रहा है। मैंने रात में होने वाली शादियों का विरोध किया है। दिन में ही शादी होना चाहिए।

गुना अग्रवाल महिला मंडल की उपाध्यक्ष नीलम बिंदल का कहना है कि इस पुरुष प्रधान देश में महिलाओं पर तो फैसले ले लिए जाते हैं। समाज के पदाधिकारी पहले बरातों में शराब पीकर नाचने वाले पुरुषों पर प्रतिबंध लगाएं। समाज पुरुषों के नशे और जुआ खेलने पर प्रतिबंध लगा देगा, तो महिलाएं भी बरात में सड़क पर नृत्य नहीं करेंगी। दूसरी ओर जेसीआइ गुना शक्ति की अध्यक्ष भावना अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं के नाचने पर गलत प्रतिबंध लगाया है। आज पुरुष और महिलाएं एक गाड़ी के दो पहिए होते हैं। महिलाएं शालीनता से अपने बेटे, भाई और बहन की शादी में नाचती हैं, तो क्या गलत है। संगठन को अपने फै सले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

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