सुप्रीम कोर्ट बोला सीबीएसई परीक्षाएं रद्द करने का जांरी करे नोटिफिकेशन

नई दिल्ली.
आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड की 10वीं-12वीं की बची हुई परीक्षाओं को लेकर शुक्रवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस एएम खानविलकर की अगुआई वाली 3 जजों की बेंच ने ने केंद्र और सीबीएसई से कहा कि परीक्षाएं कैंसिल करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करें। साथ ही कहा कि एसेसमेंट के आधार पर स्टूडेंट्स को मार्क्स देने की दिशा में आगे बढ़ें।
सीबीएसई और आईसीएसई ने कोर्ट से कहा कि 10वीं और 12वीं के नतीजों को 15 जुलाई तक जारी किया जा सकता है। सीबीएसई और केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि एसेसमेंट स्कीम में स्टूडेंट्स की पिछली तीन परीक्षाओं के मार्क्स को आधार बनाया जाएगा।
CBSE बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि यदि स्टूडेंट्स चाहते हैं, तो उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए सीबीएसई द्वारा वैकल्पिक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इन छात्रों के परिणाम भी अन्य छात्रों के साथ घोषित किए जाएंगे।
आईसीएसई ने कहा- हमारा और सीबीएसई का हलफनामा एक सा
आईसीएसई की बाकी परीक्षाओं को लेकर बोर्ड ने कोर्ट को बताया कि 10वीं के छात्रों को भी बाद में फिर से परीक्षा देने का विकल्प दे सकते हैं। बोर्ड ने यह भी कहा कि उनका ‘एवरेजिंग मार्क्स’ फॉर्मूला सीबीएसई से अलग है। बोर्ड के वकील जयदीप गुप्ता ने कहा कि मैंने सीबीएसई का हलफनामा पढ़ा है और हमारा भी करीब-करीब ऐसा ही है।
गुरुवार को सुनवाई में क्या हुआ था
सीबीएसई ने कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से 10वीं और 12वीं के बचे हुए पेपर रद्द करने का फैसला किया था। इन दोनों क्लास के 29 सब्जेक्ट्स के पेपर 1 से 15 जुलाई के बीच होने थे। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई में बोर्ड की तरफ से सरकार ने बताया कि अब 12वीं के स्टूडेंट्स का असेसमेंट उनके पिछले 3 एग्जाम के आधार पर होगा। वे बचे हुए पेपर बाद में भी दे सकेंगे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आईसीएसई बोर्ड ने भी 10वीं और 12वीं बोर्ड के एग्जाम रद्द करने का फैसला किया था, लेकिन वह स्टूडेंट्स को बाद में पेपर देने का विकल्प नहीं देना चाहता।