मुंबई में छापा पड़ने से पहले ही भागा जीतू सोनी, भाई महेंद्र राजकोट में गिरफ्तार

इंदौर। मानव तस्करी, हेराफेरी और सामूहिक दुष्कर्म जैसे मामलों में फरार जीतू सोनी के मुंबई स्थित ठिकाने में पुलिस की दबिश से पहले ही भाग निकला, वहीं राजकोट में उसके भाई महेंद्र सोनी को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को महेंद्र की सात माह से तलाश थी और उस पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था, वहीं जीतू की गिरफ्तारी पर शासन से एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
डीआइजी हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक, महेंद्र जगजीवन दास सोनी निवासी कनाड़िया की मानव तस्करी और धोखाधड़ी के आरोप में तलाश थी। तत्कालीन डीआइजी रुचिवर्धन मिश्र ने महेंद्र पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। कुछ दिनों पूर्व पता चला कि महेंद्र रिश्तेदारों और परिचितों से संपर्क में है। उनसे वॉट्सएप कॉलिंग कर बातें करता है। टीम ने उसकी लोकेशन निकाली और राजकोट (गुजरात) में रिश्तेदार के घर दबिश दी। बुधवार सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को जीतू सोनी की भी जानकारी मिल गई थी। वह मुंबई के एक पॉश इलाके में छुपा हुआ था।
हालांकि महेंद्र की गिरफ्तारी की भनक लगते ही जीतू उस जगह से भाग गया और टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। पुलिस स्थानीय पुलिस की मदद से उन लोगों से पूछताछ कर रही है जो फरारी में साथ दे रहे थे। पुलिस को उसके संपर्कों की जानकारी भी मिली है। मानव तस्करी और बड़वानी प्लाजा धोखाधड़ी में था फरारएएसपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक महेंद्र सोनी के विरुद्ध दो प्रकरण दर्ज हैं। पहला केस माय होम होटल मामले में एक दिसंबर को दर्ज हुआ था।
आरोप है कि महेंद्र सोनी भाई जीतू व हुकुम सोनी की मदद से पश्चिम बंगाल से गरीब परिवार की युवतियों को तस्करी कर इंदौर लाता है। यहां उनका शोषण किया जाता है। दूसरा केस मुंबई निवासी राजीव हरेश भाई की शिकायत दर्ज हुआ था। इसमें भी जीतू और हुकुम सोनी आरोपित हैं। राजीव ने रिपोर्ट में लिखाया कि 1988 में बड़वानी प्लाजा की 21 दुकानों का सौदा किया था। उससे 51 लाख रुपये लेने के बाद भी पजेशन नहीं दिया और होटल बुलाकर गोली मारने की धमकी दी।