छह दिन बाद दुल्हन को लेने जाना था पहुंच गया जेल की सलाखों के पीछे

स्वयं के लगुन फलदान के एक दिन पहले पकड़ा गया अपहरण के आरोप में युवक। एक सप्ताह के बाद होने वाली थी शादी। अपने ही गांव के युवक का कथा पढ़ाने ले जाने के बहाने किया था अपहरण । ग्वालियर के शताब्दी पुरम के घर से बरामद हुए अपहृत की रिहाई के बाद पुलिस ने बताई पूरी कहानी ।
भिण्ड जिला पुलिस ने अपहरण के सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर अपहृत व्यक्ति को उसके चंगुल से मुक्त करा लिया है। अपहरणकर्ता द्वारा अपहृत सतीश शर्मा के पिता को फोन कर 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। अपहरणकर्ता सतीश के गांव पिपरसाना का ही रहने वाला था और पहले से पहचान थी। शनिवार को उसका लगुन फलदान होना था लेकिन उसकी करतूत ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद अपहर्ता सतीश को शुक्रवार शाम को ग्वालियर से मुक्त कराया गया था।
बैसे तो भिण्ड जिला डकैतों के लिए बदनाम था। डकैतों के समय यहां पर आए दिन अपहरण की घटनाएं होती रहती थीं, लेकिन डकैतों के खत्म होने के बाद इस प्रकार की घटनाएं भी लगभग खत्म हो गईं। लेकिन कभी कभी सिरफिरे लोग अपहरण जैसी घटनाओं को अभी भी अंजाम दे देते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है 16 जून को भिंड जिले के गोहद थाना क्षेत्र के पिपरसाना गांव से, जहां से दंदरौआ धाम मंदिर पर कथा कराने के बहाने एक पंडित को गाड़ी में बिठा कर उसका अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं द्वारा अपहर्ता के मोबाइल से ही उसके पिता को कॉल कर देर शाम 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। जिसकी शिकायत अपहर्ता सतीश के पिता रमेश ने गोहद थाना पुलिस को की। गोहद थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह खुद पिपरसाना गांव पहुंचे और एडीजी चंबल मनोज शर्मा को मामले से अवगत कराया। एडीजी द्वारा एडिशनल एसपी संजीव कुमार कंचन के नेतृत्व में टीम का गठन कर अपहरणकर्ताओं का सुराग लगाने की जिम्मेदारी सौंपी। जिसकी निगरानी एसपी मनोज कुमार सिंह को सौंपी गई। एएसपी संजीव कंचन ने टीम को चार अलग अलग भागों में विभाजित कर तफ्तीश शुरू की गई। विवेचना में पुलिस के शक की सुई पिपरसाना गांव के ही रहने वाले 28 वर्षीय मनोज शर्मा पर गई। मनोज से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने अपहरण करना स्वीकार कर लिया उसके द्वारा बताया गया कि उसने सतीश को ग्वालियर में किराए के मकान में रखा है। साथ ही उसके दो दोस्तों को सतीश की निगरानी में लगाया है। जिसके बाद पुलिस टीम ने दबिश देकर अपहर्ता सतीश को मुक्त करवाया। इस दौरान निगरानी में लगे दोनों युवक भाग खड़े हुये। सबसे बड़ी बात यह है कि जो व्यक्ति गिरफ्तार किया गया है उसकी आज लगुन फलदान थी और एक हफ्ते में शादी होने वाली थी। लेकिन उसकी करतूत ने उसे शादी के मंडप की जगह सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस सफलता में महती भूमिका निभाने वाली पुलिज़ टीम को पुरस्कृत करने के लिए आईजी चम्बल को प्रस्ताव भेजा गया है ।