देश पर न्योछावर दीपक को नमन करने उमड़ा जन सैलाब; मुख्यमंत्री शिवराज ने शहीद को दिया कंधा

रीवा. गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए मध्य प्रदेश के वीर सपूत और रीवा के बेटे दीपक सिंह गहरवार को हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। बड़ी संख्या में लोग वीर शहीद की अंतिम झलक पाने, उन्हें अंतिम सलामी देने के लिए बेताब रहे। अपनी माटी के लाल को कंधा देने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी गांव पहुंचे। सीएम ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ वीर को अंतिम सफर में कंधा दिया। भारत माता की जय और शहीद दीपक अमर रहे के गगनभेदी नारे लगते रहे। इसके बाद राजकीय सम्मान और सेना के बैंड की धुनों के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां की धरती और रीवा जिला धन्य हो गया, मध्य प्रदेश और देश धन्य हो गया। इस गांव में एक ऐसे सपूत दीपक सिंह ने जन्म लिया, जिसने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया और खुद को न्योछावर कर दिया। मार कर दीपक बलिदान हुए हैं। ऐसे सपूतों के रहते हुए भारत माता की तरफ कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता है। हमें गर्व है शहीद दीपक सिंह पर। मैं उस मां और पिता को प्रणाम करता हूं, जिन्होंने उन्हें जन्म दिया। परिवार अकेला नहीं है, इनके साथ पूरा देश और प्रदेश खड़ा हुआ है। हमने तय किया है कि दीपक सिंह के परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता, उनकी पत्नी को सरकारी सेवा में लिया जाएगा, उनके नाम से सड़क का नाम और उनकी मूर्ति लगाएंगे और गांव के लोग, जो भी चाहेंगे। हम उनकी स्मृति के लिए वह सब करेंगे।
प्रदेश वासियों से अपील
चीन में बने सभी सामानों का बहिष्कार करें। हमारी सेना भी उन्हें जवाब देगी, लेकिन हम आर्थिक रूप से भी उसे तोड़ेंगे। सभी प्रदेशवासियों से विनम्र अपील है कि वह देशभक्ति के भाव से भरकर स्वदेशी अपनाएं और देश में बने सामान को उपयोग में लाएं।
लोगों की भीड़ ने की अगवानी
इसके पहले, पार्थिव शरीर उनके गृह जिले रीवा के गांव फरेदा लाया गया। मध्य प्रदेश की सीमा चाक घाट से ही अपने शहीद बेटे की अगवानी के लिए लोगों का हुजूम जुटने लगा था। इसके बाद रीवा और फिर उनके गृहग्राम फरेदा तक लोग आर्मी ट्रक के आगे-पीछे चलते रहे और ‘शहीद दीपक अमर रहे’ के नारे लगाते रहे। देश पर न्योछावर हुए शहीद दीपक को श्रद्धांजलि देने उमड़ा सैलाब; नम आंखों से अपने वीर को दी अंतिम विदाई