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ज्योतिरादित्य सिंधिया नही ले पाएंगे अपनी जीत का प्रमाण पत्र

ज्योतिरादित्य सिंधिया नही ले पाएंगे अपनी जीत का प्रमाण पत्र

राज्यसभा चुनावो के लिए राजधानी भोपाल में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है । तीन सीटों के लिए हो रहे चुनाव में संख्या बल के आधार पर भाजपा के दो और कांग्रेस के एक उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है ।  भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी जीत का सर्टिफिकेट स्वयं हासिल नही कर पाएंगे ।

आज सुबह राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू हुई और दोपहर तक सम्पन्न हो गई । पहला वोट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डाला । जबकि कांग्रेस के एक युवा विधायक कुणाल चौधरी कोरोना संक्रमित होने की बजह से पीपीई किट पहनकर मतदान करने पहुंचे ।

आज हुए मतदान में सदन के सभी 206 सदस्यों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया । इनमे भाजपा के 106 ,कांग्रेस के 92 और सपा ,बसपा  और निदलीय सभी 7 सदस्य शामिल है । खास बात यह रही कि सपा के एक ,बसपा के 2 और बाकी चारों निर्दलीय सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान किया ।

शाम पांच बजे मतगणना शुरू होगी और छह बजे तक परिणाम आने की संभावना है । माना  जा रहा है कि काँग्रेस के प्रथम बरीयता उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ,भाजपा के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया और श्री सोलंकी की जीत पक्की है ।

सूत्रों की माने तो श्री सिंधिया अपनी राज्यसभा में जीत का प्रमाणपत्र लेने स्वयं भोपाल नही पहुंच पाएंगे क्योंकि वे कुछ समय पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे हालांकि अब वे स्वस्थ्य होकर अस्पताल से घर पहुंच चुके है लेकिन अभी 14 दिन कोरेंटइन मे है । लिहाजा पार्टी ने उनसे बात करके तय किया है कि श्री सिंधिया की जीत का प्रमाणपत्र उनके निर्वाचन प्रतिनिधि राज्यवर्धन सिंह दत्तीगाँव प्राप्त करेंगे । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह उनके साथ रहेंगे ।

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गौरतलब है कि कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मार्च माह में भाजपा में शामिल हो गए थे । उंन्होने अपने समर्थक 22 विधायको के इस्तीफे दिला दिए थे जिसके चलते प्रदेश में 15 साल बाद बनी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा ने शिवराज सिंह के नेतृत्व में फिर अपनी सरकार बना ली थी । बदले में भाजपा ने श्री सिंधिया को राज्यसभा के उम्मीदवार बनाया दिया । माना जा रहा है कि श्री सिंधिया गुना की परंपरागत सीट से सवा लाख से ज्यादा मतों से एक मामूली प्रत्याशी से हारने के बाद से बहुत व्यथित थे ।

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