सरकार ने कहा- बसें चलाओ, ऑपरेटर बोले- पहले टैक्स माफ हो

भोपाल । बस ऑपरेटर और सरकार के बीच चल रही खींचतान के बावजूद भोपाल समेत प्रदेशभर में यात्री बस सेवा चालू नहीं हो पाई है। ये बसें मंगलवार से सड़कों पर उतरनी थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब आम यात्री परेशान हैं। बुधवार से भी बस सेवा चालू होना संभव नहीं है। दरअसल, सरकार ने 50 फीसद यात्री संख्या के साथ बसें चलाने के निर्देश दिए हैं। इस पर बस ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें पहले ही करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। बसें चलाईं तो आगे और अधिक नुकसान होगा। इसलिए सरकार पहले अप्रैल से जून तक का परमिट टैक्स माफ करे, साथ ही जुलाई से अक्टूबर तक की टैक्स माफी का आश्वासन दे। इसके अलावा यात्रियों की आधी संख्या के साथ बसें चलाने पर होने वाले नुकसान की भरपाई (प्रति बस के हिसाब से 5 हजार रुपये) अदा करे। ये तीन मांगें पूरी होने के बाद ही बसें चलाएंगे। बता दें कि बस ऑपरेटर पूर्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों तक से मुलाकात कर चुके हैं। कोई हल नहीं निकला है, इसलिए वे बसें चलाने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रदेश में लॉकडाउन के बाद से ही बसें बंद हैं।
बस ऑपरेटरों का कहना है कि प्रदेश में 35 हजार बसें हैं। बस मालिक हर महीने 65 करोड़ रुपये टैक्स चुकाते हैं, जो कि लॉकडाउन की वजह से नहीं चुका पाए हैं। अप्रैल से जून के बीच तीन माह का टैक्स माफ करने की फाइल सरकार के पास लंबित है, जिस पर निर्णय नहीं होने से ऑपरेटर ज्यादा नाराज हैं।
इधर बस ड्राइवर, कंडक्टर व अन्य कर्मचारियों का कहना है कि बसें चलाईं तो कई तरह के यात्री बैठेंगे। संक्रमित यात्री बस में बैठ गए तो कोरोना संक्रमण से मुश्किलें बढ़ जाएंगी। इसलिए सरकार उन्हें कोरोना कल्याण योजना में शामिल करे, तब वे बसों पर सेवाएं दे सकेंगे।