हाई कोर्ट से राज्यसभा चुनाव स्थगित करने की मांग, कोरोना पॉजिटिव कांग्रेस MLA को वोटिंग की इजाजत पर भी आपत्ति

इंदौर. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में तीन राज्यसभा (Rajya Sabha) सीटों के लिए हो रहे चुनाव (Election) को लेकर इंदौर हाई कोर्ट (Indore High Court) में याचिका दायर कर दी गई है. सामाजिक कार्यकर्ता अमन शर्मा की ओर से एडवोकेट अभिनव धनोतकर ने याचिका दायर की है, जिसमें राज्यसभा चुनाव स्थगित करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया कि जब तक विधानसभा के उपचुनाव नहीं हो जाते तब तक राज्यसभा के चुनाव न कराए जाएं. क्योंकि जब राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हुई थी तब मध्यप्रदेश विधानसभी में 228 विधायक थे और दो सीटें खाली थीं, लेकिन इस समय 10 फीसदी विधायक कम हो गए हैं और 206 विधायक ही बचे हैं.
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि रिप्रजेन्टेशन ऑफ पीपल्स एक्ट 1950 के की धारा 245 ए के तहत राज्यसभा चुनाव में सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए, लेकिन अभी विधानसभा की 24 सीटें खाली होने की वजह पूरे इलाकों का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाएगा.
हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि राज्यसभा चुनाव जब पहली बार स्थगित किए गए थे, तब देश में कोरोना के 5 हजार के करीब मामले थे, लेकिन अब देश में 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. यानि संक्रमण कम होने की बजाय तेजी से बढ़ता जा रही है. ऐसे में चुनाव कराने जैसे हालात फिलहाल नहीं हैं और जब देश में कम मरीज थे तब चुनाव स्थगित कर दिया गया था और कहा गया था कि जब कोरोना का संक्रमण कम हो जाएगा तब चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन अभी तो संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में चुनाव कराना उचित नहीं हैं. इसलिए ये चुनाव तत्काल प्रभाव से रोके जाएं.
पीपीई किट में मतदान WHO की गाइडलाइन्स का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश विधानसभा में एक विधायक कोरोना पॉजिटिव हैं और उनके संपर्क में आने वाले 22 विधायकों को कोरेन्टाइन किया जा सकता है. ऐसे में भले ही चुनाव आयोग ने कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी को पीपीई किट पहनकर सबसे आखिरी में मतदान करने की अनुमति दे दी हो, लेकिन ये विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर की गाइडलाइन्स के खिलाफ है. क्योंकि इस महामारी से संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल और घर से निकलने की अनुमति नहीं है. क्योंकि तमाम एहतियात बरतने के बावजूद इससे संक्रमण का खतरा तो बना ही रहता है. इसलिए राज्यसभा के चुनावों को स्थगित किया जाना चाहिए. हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है और 16 जून को मामले की सुनवाई तय की है. क्योंकि 19 जून का राज्यसभा चुनाव हैं. इसलिए इसे सुनवाई जल्दी करने का फैसला लिया गया है.