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कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की जन अभियान परिषद भंग करने की मांग

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की जन अभियान परिषद भंग करने की मांग

भोपाल. मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (by elections) से पहले कांग्रेस (congress) जन अभियान परिषद की गतिविधियों को लेकर सतर्क हो गयी है. पार्टी ने चुनाव आयोग (election commission) से मांग की है कि जन अभियान परिषद भंग की जाए और चुनाव वाले जिलों में परिषद के कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर रोक लगायी जाए. पार्टी का आरोप है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में परिषद कार्यकर्ताओं का बीजेपी के समर्थन में राजनीतिक उपयोग किया गया था.

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी समर्थित जन अभियान परिषद के कार्यकर्ताओं का चुनाव ड्यूटी में इस्तेमाल किया गया था. इन लोगों ने बीजेपी के पक्ष में काम किया था. कांग्रेस इस बार उपचुनाव से पहले सतर्क हो गयी है. उसने चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया है. इसमें मांग की गयी है कि जन अभियान परिषद के कर्मचारियों की चुनाव वाले 15 जिलों में आवाजाही को प्रतिबंधित किया जाए.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन देकर चुनाव वाले जिलों में सरकारी अधिकारी कर्मचारियों की हाल ही में की गयी पदस्थापना निरस्त करने की भी मांग की.उन्होंने सुझाव रखा कि विधानसभा क्षेत्र से कर्मचारियों का पैनल मंगा कर फिर नियुक्ति की जए. अजय सिंह ने जन अभियान परिषद को भंग करके चुनाव वाले इलाकों में आवाजाही को प्रतिबंधित करने की मांग की है. कांग्रेस का आरोप है कि जन अभियान परिषद के कार्यकर्ता उपचुनाव वाले क्षेत्रों में जाकर बीजेपी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इसलिए उन कार्यकर्ताओं- कर्मचारियों के चुनाव वाले जिलों में जाने पर रोक लगाई जाए. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि उपचुनाव वाले जिलों में जो भी नियुक्ति हुई है उन्हें तत्काल निरस्त किया जाए.

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