Lockdown के 54 दिन का पूरा वेतन न देने पर कंपनियों पर अभी कार्रवाई नहीं, पढ़िए सु्प्रीम कोर्ट का पूरा फैसला

लॉकडाउन की 54 दिन की अवधि में जब अधिकांश कंपनियां बंद थीं या पूरी तरह से काम नहीं कर पाईं, उस दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन दिया जाए या कंपनियां कटौती कर सकती हैं, इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है।
गृह मंत्रालय के आदेश को चुनौती देने वाली कंपनियों की याचिकाओं पर जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह की खंडपीठ ने सुनाएगी की। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते में विस्तृत हलफनामा पेश करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान कंपनियों पर किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। कंपनियां और कर्मचारी आपस में मामले को सुलझाने की कोशिश करें। यदि ऐसा नहीं हो पा रहा है तो श्रम मंत्रालय की मदद ले। उद्योग धंधे और मजदूर एक दूसरे से जुड़े हैं। इसलिए सामंजस्य बनाकर चलना जरूरी है।
कंपनियों की ओर से यह भी कहा गया कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन उनकी कमर तोड़कर रख दी है। ऐसे में पूरा वेतन देने की बाध्यता उनकी बैलेंस शीट को और बिगाड़ देगी।