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नरम पड़े डॉ. शेजवार के तेवर, सिंधिया समर्थक डॉ. प्रभुराम चौधरी को लंच पर बुलाया

नरम पड़े डॉ. शेजवार के तेवर, सिंधिया समर्थक डॉ. प्रभुराम चौधरी को लंच पर बुलाया

भोपाल. सांची विधानसभा क्षेत्र से छह चुनाव एक-दूसरे के खिलाफ लड़ चुके डॉ. गौरीशंकर शेजवार और डॉ. प्रभुराम चौधरी ने आज भोपाल में एक साथ लंच किया। डॉ. प्रभुराम चौधरी अब कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके है और डॉ. शेजवार भाजपा के बड़े नेता हैं। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में डॉ. शेजवार ने अपने बेटे मुदित को टिकट दिलाया था। मुदित, प्रभुराम चौधरी से हार गए थे।

सिंधिया समर्थक कांग्रेस के पूर्व विधायकों के भाजपा में शामिल होने पार्टी के क्षेत्रीय राजनीतिक समीकरण उलझ गए हैं। भाजपा नेताओं को अब उन्हीं पूर्व कांग्रेस विधायकों के पक्ष में काम करने कहा जा रहा है जिनके खिलाफ वे हमेशा अपने क्षेत्र में पार्टी और व्यक्तिगत तौर पर विरोध करते रहे। सांची विधानसभा क्षेत्र में स्थिति उलट गई है। यहां से कांग्रेस के टिकट पर पिछला चुनाव जीते डॉ. प्रभुराम चौधरी अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं और उनका उपचुनाव लड़ना तय है। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं में उन्हें अपनी पैठ बनानी है।

मुख्यमंत्री ने शेजवार को समझाया

प्रदेश में कमलनाथ सरकार के गिरने और कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश की राजनीति के समीकरण बदल गए। डॉ. प्रभुराम चौधरी से जुड़े विश्वस्त लोगों का कहना है कि अभी तक सांची विधानसभा क्षेत्र से जो फीडबैक आया है उसमें भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की ओर से नीरस प्रतिक्रिया है। दो दिन पहले भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सांची विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने के कार्यक्रम में डॉ. शेजवार नहीं आए थे। इसको लेकर उनकी नाराजगी की खबर आई थी। डॉ. प्रभुराम चौधरी ने सांची विधानसभा क्षेत्र के भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बारे में भाजपा संगठन को अवगत कराया था। इसके बाद मंगलवार रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन मंत्री सुहास भगत ने डॉ. शेजवार को बुलाकर डॉ. प्रभुराम चौधरी का सहयोग करने कहा। इसी के बाद शेजवार ने चौधारी को अपने आवास पर लंच पर बुलाया।

शेजवार की क्षेत्र में मजबूत पकड़

सूत्रों का कहना है कि डॉ. शेजवार ने 40 सालों में अपने विधानसभा क्षेत्र में ऐसी पकड़ हासिल की थी कि उन्हें अपने एक-एक कार्यकर्ता का नाम और गांव का पता भी मालूम था। वे जब चाहे खुद गाड़ी चलाते हुए अपने कार्यकर्ताओं के घर पहुंच जाया करते थे। पिछले चुनाव नें पार्टी से कहा कि अब भविष्य में संगठन का काम करना चाहते हैं। इसलिए उनके बेटे मुदित को टिकट दिया जाए। पार्टी ने उनकी वरिष्ठता का मान रखते हुए उनके बेटे को टिकिट दे दिया। हालांकि मुदित शेजवार डॉ. प्रभुराम चौधरी से करीब 20 हजार से अधिक मतों से हार गए।

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