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कोरोना अस्पताल की अव्यवस्था की कहानी पीड़ित की जुबानी

कोरोना अस्पताल की अव्यवस्था की कहानी पीड़ित की जुबानी

कोरोना पॉजिटव मरीज ने अस्पताल से वीडियो किया वायरल
एक ही बेड पर पत्नी, तीन बच्चों एवं युवक को रखा गया। पॉजिटव आने के बाद भी नहीं किया गया था अलग। युवक जमीन पर सोने के लिए मजबूर
मीडिया में मामला आने के बाद पॉजिटव युवक को किया गया परिवार से अलग
सुने पीड़ित की जुबानी
https://youtu.be/KIAgEJtv22M
भिंड जिले में कोरोनावायरस पॉजिटव मरीजों को लेकर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पर एक ही रूम में कोरोनावायरस पॉजिटव एवं कोरोना संदिग्ध मरीजों को रखा जा रहा है। जिससे संदिग्धों में भी पॉजिटिव व्यक्ति से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। खुद एक कोरोना पॉजिटव मरीज ने अस्पताल से वीडियो बनाकर वायरल किया है जिसमें एक ही बिस्तर पर पूरा परिवार जिसमें महिला एवं तीन बच्चे शामिल हैं क्वारेन्टीन थे। कलेक्टर से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बयान देते हुए कहा कि हर एक पॉजिटिव के लिए अलग रूम की व्यवस्था नहीं की जा सकती। मामला मीडिया में आने के बाद पॉजिटव मरीज को अलग किया गया। कोरोना संकट के इस समय में सभी जिला अस्पतालों को कोरोना पॉजिटव मरीजों के लिए एवं संदिग्ध मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था करने की दिशा निर्देश दिए गए थे। लेकिन भिंड जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पर 7 मई तक कोई पॉजिटिव केस नहीं था लेकिन एकाएक बाहर से आ रहे मजदूरों के चलते 8 मई से 11 मई के बीच 8 पॉजिटिव केस सामने आने के बाद जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पैर फूल गए हैं एवं उनके द्वारा की गई व्यवस्थाओं की पोल भी खुलने लगी है। भिंड में बाहर से आ रहे लोगों में से कई को कोरोनावायरस संक्रमण का संदिग्ध मानते हुए उन्हें जिला अस्पताल में क्वारेन्टीन किया गया, तो कुछ के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए, जिनमें पॉजिटिव मरीज भी आए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी पॉजिटिव मरीजों को संदिग्ध मरीजों से अलग नहीं किया गया। हालात यह हैं कि पॉजिटिव मरीज के परिजन भी एक ही बिस्तर पर कोरोनावायरस पॉजिटव मरीज के साथ रहने को मजबूर हैं। खुद एक मरीज ने वीडियो बनाकर भेजे हैं, जिनमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा बरती जा रही लापरवाही को उजागर किया गया है। वीडियो में अहमदाबाद से आया दिबियापुरा गांव का रहने वाला कोरोना पॉजिटिव मरीज अपनी पीड़ा बयान कर रहा है। वह दिखा रहा कि अस्पताल में साफ सफाई भी नहीं हुई है। बच्चों को बिस्तर पर सुलाकर वह खुद जमीन पर गंदगी के बीच सोने के लिए मजबूर है। एक और वीडियो आया है जिसमें अन्य पॉजिटव मरीज के आसपास ही संदिग्ध मरीज भी लेटे हुए हैं। इस बारे में जब जिला कलेक्टर छोटे सिंह से बात की गई तो उनका बेतुका बयान सामने आया। कलेक्टर छोटे सिंह ने कहा कि हमारे पास पॉजिटिव मरीजों को रखने के लिए अलग से व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उसी रूम में उनको 3 मीटर की दूरी बनाकर रखा जा रहा है। वहीं मामला मीडिया में सामने आने के बाद अब बेड्स के बीच में सेपरेशन करने की कार्यवाही प्रारंभ की गई है, जिसमें 2 से 3 दिन का समय लगेगा। ऐसे में जो कोरोना संदिग्ध मरीज हैं उनमें भी पॉजिटिव मरीजों से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। मीडिया में खबर आने के बाद पॉजिटव मरीजों को अलग किया जाने की जानकारी मिली है।
जिले  में एकाएक कोरोना पॉजिटव मरीज सामने आने के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि जितने भी मरीज सामने आए हैं वह सभी बाहरी राज्यों से आए हुए लोग हैं। 3 मई तक सीमाएं सील करके रखी गई थी जिससे कोई भी कोरोना पॉजिटव मरीज जिले में नहीं था। लेकिन जब से बाहरी राज्यों के लोगों को परमिशन मिली है तब से कोरोना पॉजिटव लोगों के आने का सिलसिला शुरू हुआ है। अब सभी आने वाले लोगों को क्वारेन्टीन किया जा रहा है।
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