सड़कों पर 12 बजे तक रही चहल-पहल, दिन चढने के साथ पसरा सन्नाटा

ग्वालियर। कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लाॅक डाउन में प्रषासन द्वारा दी जा रही ढील के चलते आज सोमवार को भी सुबह से लेकर दोपहर 12 बजे तक बाजारों में ग्राहकों की खासी भीड़ देखने को मिली यहंा दोपहर 12 बजे के बाद जब पुलिस ले सख्ती दिखाई उसके बाद ही लोेग वापस अपने घरों की ओर रवाना हुए। इस दौरान पुलिस को कई स्थानों पर हल्का बल प्रयोग करके भी लोगों को यहंा से हटाना पड़ा।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के आदेष पर प्रदेष सरकार द्वारा कोराना वायरस के बढते प्रभाव को रोकने के लिए देषभर के साथ मध्यप्रदेष में भी 3 मई तक लाॅकडाउन की घोषणा कर रखी है। जिला प्रषासन द्वारा इस दौरान समय-समय पर जरूरी रियायतों के साथ लाॅकडाउन का कडाई से पालन किया जा रहा है और जो लोग इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। सोमवार को भी शहर के ज्यादातर मुख्य बाजारों में सुबह 12 बजे तक किराना/सब्जी और दूध डेयरियों के बाहर ग्राहकों की खासी भीड़ देखने को मिली हालंाकि दिन चढने के साथ लोग खुद ही इन दुकानों के बंद होते ही अपने अपने घरों की ओर लौट गए औश्र पुलिस को इन्हें खदेडने में ज्यादा परेषानी नहीं उठानी पड़ी।
इलेक्ट्राॅनिक्स, मोबाईल, घड़ी, कपड़ा, बर्तन और फुटवेयर व्यापारियों को 3 मई के बाद बाजार खुलने की उम्मीदः-
लाॅकडाउन पीरियड 3 मई के बाद गृह मंत्रालय द्वारा लाॅकडाउन में किस तरह की छूट दी जाएगी इसका तो अभी किसी को अंदाजा नहीं है लेकिन इलेक्ट्रोनिक्स, मोबाईल, घड़ी, कपड़ा , बर्तन और फुटवेयर व्यापारियों को उम्मीद है कि 3 मई के बाद उन्हें कुछ रियायत देते हुए सोषल डिस्टेंसिंग के साथ दुकानें खोलने की अनुमति दी जा सकती है।
व्यापारियों के सता रही किराए और वेतन की चिंताः-
बाजार में जो दुकानें किराए की जगह पर संचालित हैं उन दुकानों के संचालको ंके अब दुकान के किराए और अपने कर्मचारियों के वेतन की चिंता सताने लगी है इनका कहना है कि इसके साथ बिजली के बिल, और अन्य खर्चाें को जोड़ लिया जाए तो फिर लाॅकडाउन खुलने के बाद इनके भुगतान में काफी परेषाानियों का सामना करना पड़ेगा।
लोगों ने घरों से शुरू किया कामः- लाॅकडाउन पीरियड में जो लोग अभी बाजारों में अपनी दुकानें नहीं खोल पा रही है और घर से काम कर सकते हैं उन्होने घर से ही काम शुरू कर दिया है खासतौर पर मोबाईल रिपेयरिंग, इलेक्ट्रोनिक्स रिपेयरिंग जैसे काम इस समय घरों से ही संचालित किए जा रहे हैं।