धार में मिले 3 नए कोरोना पॉजिटिव, 39 हुई मरीजों की संख्या

धार जिले में तीन नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, इसके साथ ही यहां मरीजों की संख्या 39 हो गई है। यहां कोरोना वायरस से एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आरसी पनिका ने इसकी पुष्टि की है। इसके पहले रविवार को आई 23 रिपोर्ट निगेटिव आईं थी। हालांकि अब भी बड़ी संख्या में रिपोर्ट मिलना बाकी है, जो लोगों की धड़कन बढ़ा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी जो रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं, वे निगेटिव मिली हैं। इधर रिपोर्ट की देरी का असर सैंपलिंग पर हो रहा है। लगातार संदिग्ध लोगों की सैंपलिंग कम होती जा रही है। रविवार करीब 6 से ज्यादा सैंपल हुए। वहीं जिला अस्पताल में कोरोना को लेकर बदलाव किए जा रहे हैं। अब इमरजेंसी की ओपीडी में अन्य बीमारियों की ओपीडी लगाए जाने का प्लान है। ताकि मरीज के आने का एक ही रस्ता हो और वहीं से उसे संबंधित जगह पर भेजा जा सके। वहीं इमरजेंसी में अन्य डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा खतरा उसकी सैंपलिंग को लेकर होता है। कई बार सैंपलिंग के दौरान स्टाफ में संक्रमण हो जाता है। ऐसी स्थिति में संक्रमण की संभावना कम करने और डॉक्टर व स्टाफ को सुरक्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। अब कांच के कैबिन से संदिग्धों की सैंपलिंग की जाएगी। इसको लेकर कैबिन तैयार हो गया है, लेकिन उसमें कुछ तकनीकि दिक्कत होने से उसमें डिजाइन में बदलाव होगा। इसके बाद नए कैबिन से सैंपलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें संदिग्ध व डॉक्टर के बीच कांच की दीवार की दूरी होगी। संदिग्ध दूर होगा। साथ ही कैबिन में गल्ब्ज होंगे। इससे अब डॉक्टर सैंपलिंग के दौरान पूरी तरह से सुरक्षित कहे जा सकते हैं। हालांकि अभी जो डिजाइन आया है। इसमें कुछ तकनीकि समस्या है। इसलिए उसे पीपीई किट के डिस्कॉट कैबिन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। दो दिन में नया कांच का कैबिन बनकर तैयार हो जाएगा। इससे पूरी सुरक्षित तरीके से सैंपलिंग होगी।
अब तक पीपीई किट को उतारने व पहनाने को लेकर कोई विशेष इंतजाम नहीं थे। इस प्रक्रिया को डिस्कॉट कहते हैं। सब अपने क्षेत्र में अपने हिसाब से किट का इस्तेमाल और डिस्कॉट कर रहे थे। इससे भी संक्रमण का खतरा रहता है। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने पीपीई किट को डिस्कॉट बेहतर व सुरक्षित तरीके से करने का कदम उठाया है। इसको जहां-जहां पीपीई किट पहनकर काम करने के प्वाइंट वहां के तौर पर कैबिन बनाए जाएंगे ताकि किट को सुरक्षित तरीके से डिस्कॉट यानी उतारा जा सके।