रमज़ान का पहला दिन: सेहरी के बाद बांधी नीयत
April 25, 2020

सोशल डिस्टेंसिंग के लिए घरों में ही होगा रोज़ा अफ्तार, इंशाकी नमाज़ और तराबी
-नगर संवाददाता-
ग्वालियर । कोरोना वायरस के चलते एक माह से जारी लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए आज से शुरू हुए पवित्र रमज़ान माह में मुस्लिम समुदाय ने अपनी सभी परम्पराओं का पालन अपने अपने घरों में रहकर ही किया । सुबह सेहरी के साथ नीयत बांधी और रोज़ा शुरू किया ।
रोजे में सामान्यतौर पर मस्जिदों में बहुत आयोजन होते है । शाम को अफ्तार ,इंशाकी नमाज़ और तराबी मस्जिदों में ही होती है लेकिन अभी सोशल डिस्टेंसिंग के लिए यह सब घरों में ही होगा ।
वरिष्ठ पत्रकार जावेद खान के अनुसार पवित्र रमजान माह में लोग एक माह का रोज़ा रखते है । इसकी शुरुआत सुबह तय समय पर लोग सेहरी करते है । जो भी आहार लेना होता है वह उसी समय ग्रहण करके रोजे की नीयत बांधते है । यह एक तरह से संकल्प भी होता है और अल्लाह से प्रार्थना भी कि वह रोजेदार को इसे पूरा करने की शक्ति दे ।
शाम को तय समय पर अफ्तार होता है इसके पहले नमाज होती है । परंपरा के अनुसार यह मस्जिदों में सामूहिक तौर पर होती थी लेकिन इस बार पूरी दुनिया,देश और हमारा शहर भी कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है । सरकार और धर्मगुरुओं ने भी आह्वान किया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए सभी लोग मस्जिद न जाये और घर पर रहकर ही अपने धार्मिक रिवाज पूरे करे । इसलिए शाम को सेहरी भी घरों पर होगी । इंशा की नमाज के बाद तराबी होगी । इसमें पवित्र कुरआन शरीफ का पाठ होता है । यह रमज़ान माह में पूरा किया जाता है।