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भूख और वेबसी  लेकर पैदल गाँव लौट रहे है लोग 

भूख और वेबसी  लेकर पैदल गाँव लौट रहे है लोग 

ग्वालियर। कोरोना संक्रमण को तीसरे स्टेज में पहुंचने से रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा किये गए लॉक डाउन के कारण जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गरीब और मजबूरों के लिए किए गए शासन प्रशासन के सभी दावे धराशाई नजर आ रहे हैं। पलायन का जो सिलसिला शुरू हुआ वह आज तीसरे दिन भी जारी रहा। मजदूर अपने बीबी बच्चों के साथ सेंकडों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर हैं। इनकी भूख और बेबसी के आगे कोरोना या किसी महामारी का कोई खोफ इनके चेहरे पर नही नजर आता । यदि इनके चेहरे पर कुछ नजर आता है तो इनकी बेबसी और भूख और बेगारी को लेकर इनकी मायूसी। रोज सेंकडो की संख्या में लोगो का पलायन शासन की सभी व्यवस्थाओं को आइना दिखा रहा है। बिना किसी सही जानकारी के इधर उधर भटक रहे हैं। वह तो भला हो उन समाज सेवियों का जो कहीं न कहीं इन्हें मिल जाते हैं और इनके भोजन की व्यवस्था कर देते हैं। दिल्ली और आगरा से पैदल छतरपुर टीकमगढ़ के लिए निकले ये मजदूर अपने किस्मत के सहारे यहां ग्वालियर तक तो पहुंच गए हैं अब किस्मत के भरोसे ही कई लोग तो हाई वे से ही आगे निकल चुके हैं जो शहर में बस स्टेंड तक पहुंचे उनके लिए प्रशासन ने बस की व्यवस्था कर दी है। इस पलायन को रोकने के लिए रेस्क्यू सेन्टर का इंतज़ाम जगह जगह यदि किया जाता तो इन मजबूरों की समस्या कुछ कम हो जाती । अब देखना होगा कि ये पलायन कब तक यू ही बदस्तूर जारी रहता है।
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