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पलायन रोकने के लिए सीएम केजरीवाल का एलान, किराया नहीं भर पा रहे तो सरकार करेगी भुगतान

पलायन रोकने के लिए सीएम केजरीवाल का एलान, किराया नहीं भर पा रहे तो सरकार करेगी भुगतान

नई दिल्ली: पलायन रोकने की दिशा में अरविंद केजरीवाल सरकार ने बड़ा एलान किया है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि जो लोग किराया देने में सक्षम नहीं है उनका किराया दिल्ली सरकार की तरफ से भरा जाएगा. ये किराए पर रह रहे लोगों के साथ ही मकान मालिकों के लिए भी राहत भरी खबर है. इसके अलावा मजदूरों के पलायन पर चिंतित दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मजदूरों से अपील की है कि वो कहीं न जाएं. केजरीवाल ने कहा है कि आप जहां हैं वहीं रहें, हम हर संभव मदद करने के लिए तैयार है.   केजरीवाल ने कहा, ”जहां हैं वहीं रहें क्योंकि कोरोना वायरस फैलने का खतरा ज्यादा लोगों के एकत्र होने से बढ़ता है. मैं आपके लिए सारे इंतजाम कर रहा हूं.” अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा,”आपके रहने और खाने की पूरी व्यवस्था है. आपका पूरा ख्याल रखा जाएगा.”   पलायन रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने कसी कमर   कोरोना वायरस के प्रकोप से देश पहले ही त्रस्त है अब दिल्ली समेत आस-पास के इलाकों से पलायन का गंभीर संकट और खड़ा हो गया है. दिल्ली से पांचवें दिन भी हजारों मजदूरों का पलायन जारी है. दिल्ली के आनंद विहार पर कल से ही हजारों की तादाद में मजदूर मौजूद थे. कई लोग सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर अपना सामान लिए सो रहे हैं तो कुछ लोग बस डिपो पर इक्कठा होना शुरू हो गए हैं. ये सब इस उम्मीद में आए हैं कि शायद बस अब चलना शुरू होगी और उन्हें अपने अपने घर तक छोड़ आएंगी. हालांकि लोगों का पलायन रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने भी कमर कस ली है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक किसी भी डीटीसी बस को दिल्ली से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा. प्रत्येक जगह पर पुलिस अनाउंसमेंट करेगी कि कोई बस यूपी या बिहार की तरफ नहीं जा रही है लिहाजा लोग घरों से बाहर ना निकले.   रेलवे ट्रैक के सहारे पलायन करने वाले रोके जाएंगे   रेलवे ट्रैक के जरिए जो लोग आ रहे हैं उन्हें भी रोका जाएगा. दिल्ली पुलिस को सड़कों पर व रेलवे ट्रैक के ऊपर और अन्य जगहों पर पुलिस पिकेट बढ़ाने को कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि अभी जो बसें चल रही हैं उनकी भी रोककर जांच की जाएगी और ऐसे सभी यात्री जो बाहर जाना चाहते हैं उन्हें वापस किया जाएगा.   पैदल घरों को लौट रहे हैं प्रवासी   देश में कोरोना का कहर है तो सड़कों पर गांवों का शहर है. एक भी मुख्य सड़क बची नहीं है जहां पर गांव जाने वाले गरीबों का रेला नहीं लगा है. हर सड़क पर गरीबी और लाचारी ही बिखरी पड़ी है. अब पूरे देश में लॉकडाउन होने के कारण सैकड़ों प्रवासी पैदल ही अपने घरों की ओर लौटने को मजबूर हैं. इन लौटने वालों में हिंदुस्तान के मस्तक से गुजरती तकलीफ और वेदना की लकीरें दिखती हैं. भूख और गरीबी की अटूट जंजीरें, बिलखते बच्चे, तड़पती माताएं और छटपटाते पिता इस भीड़ का हिस्सा हैं.
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