वायरस के खिलाफ युद्ध मे लगी पुलिस के लिए उभरा डीजीपी का मानवीय चेहरा
March 28, 2020

कोरोना युद्ध मे निपटने में लगे पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में उतरे विवेक जौहरी
-देव श्रीमाली-
भोपाल । जब से देश प्रदेश में कोरोना के खिलाफ युद्ध चालू हुआ है ।स्वास्थ्य महकमे से जुड़े लोग ,प्रशासनिक और पुलिस का अमला मोर्चे पर डटे हैं। यह लोग अपनी जान जोखिम में डालकर लॉगऑन की जान बचाने के मानवीय कार्य मे लगे हुए है । पुलिसके अफसर हों या आरक्षक सभी रात दिन इस युद्ध मे एक सैनिक की तरह लड़ रहे है जबकि उनकी जान को भी खतरा बना हुआ है । अब इस विभाग के मुखिया अपने इन मातहतों के सच्चे सेनापति की तरह सामने आए है । उन्होंने उनकी सुरक्षा के लिए न केवल तमाम निर्देश जारी किए है बल्कि इसके लिए जिम्मेदारी भी तय की है। इससे पुलिस अफसर का एक मानवीय चेहरा नज़र आया है ।
पुलिस कोरोना को रोकने फिलवक्त चप्पे-चप्पे पर तैनात है। वे भूखे प्यासे ,रात दिन और जान जोखिम में डालकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में लगे हैं। उनके पास न संसाधन थे और न सुरक्षा के लिए कोई गाइडलाइन ।
सीबीआई,रॉ और बीएसएफ जैसे संगठनों के मुखिया राह चुके एमपी के पुलिस महानिदेशक विवेक कुमार जौहरी के अनुभव कोरोना के खिलाफ इस जंग में काम आ रहे है । उन्होंने इस काम मे लगे पुलिस कर्मियों को इस काम मे दिल से जुटने के लिए तमाम उपायो के दिशा निर्देश दिए है । सबसे पहले उन्होंने हर जिले को आर्थिक फंड उपलब्ध कराया जिससे वे हर पुलिस कर्मी के लिए मास्क,ग्लब्स और सेनिटाइजर उपलब्ध कर सके ।
श्री जौहरी ने एक और सर्कुलर सभी पुलिस अधीक्षकों को जारी किया । इसमे ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों के लिए हर थाना क्षेत्र में।कोरेंटइन करने के लिए सुरक्षित और सेनेटाइजर युक्त स्थान की व्यवस्था करने,उनको पीने और नहाने के लिए गर्म पानी का बंदोबस्त करने ही नही उनके कपड़े यानी यूनिफार्म को धोने की व्यवस्था ही नही उसके तरीके तक को सुनिश्चित किया गया हैं ताकि वे कोरोना वायरस के संपर्क में आने से बच सकें। उन्होंने इस बात का भी ख्याल रखा है कि इस ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मियों के परिजनों को कैसे इससे बचाया जा सके ।
जो जहां है वहीं दे दे आमद
श्री जौहरी ने इस आपदा के समय एक बड़ा फैसला लिया है जिसमे उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस को जिलों और थानों की सीमाओं से मुक्त करके उसे वृहत्तर एमपी पुलिस के व्यापक दायरे में फैला दिया है । दरअसल पुलिस के हजारो कर्मचारी शासकीय कार्य से या फिर छुट्टी पर अपने पद स्थापना से दूर थे । इस बीच प्रदेश में कोरोना के चलते कर्फ्यू लग गया और ट्रैन और सड़क मार्ग बन्द होने से वे बीच मे ही अटक गए। उधर आपदा के चलते सभी की छुट्टियां रद्द हो गई । सभी को निर्देश जारी हो गए कि वे तत्काल अपनी जोइनिंग दें। लेकिन वे इसमे असमर्थ थे ।
श्री जौहरी को जब इस समस्या का अहसास हुआ तो उन्होंने नियम और परम्पराओं से इतर एक अनूठा आदेश जारी कर दिया । इसमे कहा गया कि जो कर्मचारी जहां भी फंसा है वहीं नज़दीकी थाने में अपनी जोइनिग कराके अपनी सेवाएं देने लगे । जब स्थितियां सामान्य हों तो वे उस थाना प्रभारी से रिलीविंग सर्टिफिकेट लेकर अपने पदस्थापना स्थल पर अपनी ड्यूटी जॉइन कर सकते हैं। इस आदेश के चलते हजारो पुलिस कर्मियों का असमंजस समाप्त हो गया वही पुलिस को अपनी मानव शक्ति पुलिस सेवा के लिए उपलब्ध हो गई । डीजीपी के इन आदेश और निर्देशो के चलते पुलिस कर्मियों के बीच उनका एक मानवीय चेहरा सामने आया है।