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बेंगलुरु में बागी विधायकों की प्रेस कॉन्फ्रेंस / गोविंद राजपूत का आरोप- छिंदवाड़ा को ही हजारों करोड़ दिए

बेंगलुरु में बागी विधायकों की प्रेस कॉन्फ्रेंस / गोविंद राजपूत का आरोप- छिंदवाड़ा को ही हजारों करोड़ दिए

बेंगलुरु. बेंगलुरू के रमादा रिसॉर्ट में ठहरे कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कमलनाथ सरकार पर उपेक्षा के आरोप लगाए। गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कैबिनेट ने सिर्फ छिंदवाड़ा को ही हजारों करोड़ रुपए आवंटित किए। हमने मुख्यमंत्री से कहा कि केवल इस पर चुनाव नहीं जीता जा सकता। जयपुर-भोपाल में ठहराए गए कांग्रेस के विधायकों को खुला छोड़ दिया तो वे भी हमारे पास बेंगलुरु आ जाएंगे।

मजबूरी में साथ छोड़ा: राजपूत 
राजपूत ने यह भी कहा, ‘‘हमें किसी ने यहां बंधक नहीं बनाया है। जिस दिन से बेंगलुरु आए हैं, मीडिया में कई तरह की खबरें चल रही हैं, इसलिए आज अपनी बात रख रहे हैं। पिछले डेढ़ साल से हम मजबूर थे, इसलिए हमें सरकार का साथ छोड़ना पड़ा।’’ स्पीकर के द्वारा इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर राजपूत ने कहा कि हमारी मांग है कि जैसे स्पीकर ने 6 इस्तीफे स्वीकार किए हैं। हमारे भी करें।

सरकार ने वचनपत्र पर अमल नहीं किया: इमरती
विधायक इमरती देवी ने कहा, ‘‘मैं आज जो भी हूं, सिंधिया जी की वजह से हूं। सरकार ने वचनपत्र तैयार किया था, उस पर कोई अमल नहीं हुआ। मैंने मुख्यमंत्री से कहा था कि जब मेरे इलाके में काम ही नहीं हुआ, तो मुझे अब आगे चुनाव नहीं लड़ना।’’

माफिया प्रदेश चला रहा है: बिसाहू
बिसाहूलाल सिंह ने कहा, ‘‘राहुल गांधी से बड़ा कोई नेता कांग्रेस में नहीं था। मैंने मुख्यमंत्री पद को लेकर उनसे बात की थी। सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा था। आज सबसे बड़ा माफिया प्रदेश को चला रहा है। कमलनाथ के व्यवहार से दुखी हूं। आदिवासियों के हित में कोई काम नहीं हुआ।’’

कमलनाथ ने भरोसा तोड़ा: राजवर्धन
राजवर्धन सिंह ने कहा, ‘‘मैं अपने क्षेत्र की जनता के दम पर विधायक हूं। कमलनाथ ने मुझसे कहा था कि सब पर भरोसा किया है तो मुझ पर भी करके देखो। 6 महीने में इलाके सूरत बदल जाएगी। लेकिन कुछ नहीं हुआ।’’

राहुल ने मंदसौर में पहचाना तक नहीं: डंग
हरदीप सिंह डंग ने कहा, ‘‘मंदसौर कांड के वक्त में आगे आया था। राहुल गांधी जब वहां गए तो उन्होंने मुझे पहचाना तक नहीं। सत्ता में आने के बाद कमलनाथ समेत अन्य कांग्रेस नेता घमंड में आ गए थे। कार्यकर्ताओं की बात तो छोड़ो अधिकारी मंत्रियों की बात तक नहीं सुन रहे। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कह रहे हैं कि विधायकों को पैसा मिला है। अगर ऐसा है तो आपकी सरकार है, छापे मारो और पता कर लो।’’

मनोज चौधरी ने कहा- मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के कारण पार्टी छोड़ी है। कोई एक काम मंजूर नहीं किया गया। रक्षा सरोनिया ने कहा- मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी, मेरी बात तक नहीं सुनी गई। हमने जनता के लिए फैसला लिया है।

फ्लोर टेस्ट हो, उपचुनाव के लिए भी तैयार
एक विधायक ने कहा, ‘‘जब सिंधिया पर हमला हो रहा है तो हम कैसे सुरक्षित हैं। हमारी जान को खतरा है। हमने सीआरपीएफ की सुरक्षा की मांग की है। इसके मिलने पर ही भोपाल लौटेंगे।’’
दूसरे विधायक ने कहा- ‘‘मुख्यमंत्री फ्लोर टेस्ट कराएं। हम भोपाल जाएंगे। हम उपचुनाव के लिए भी तैयार हैं। सरकार कोरोनावायरस का डर दिखाकर फ्लोर टेस्ट से भाग रही है। अगर संक्रमण फैलने की इतनी ही चिंता है तो फिर वल्लभ भवन (सचिवालय) में छुट्टी क्यों नहीं की जा रही?’’
तीसरे विधायक ने कहा- ‘‘हम सभी अपनी मर्जी से एक जगह जुटे हैं। राहुल गांधी तक ने हमारी बात नहीं सुनी। फिलहाल, भाजपा में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है।’’

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे: पीसी शर्मा
भोपाल में मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, ‘‘इस्तीफा देने वाले 16 विधायक अब सदन के सदस्य नहीं रहे। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट नहीं, भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाए, उस पर चर्चा होगी। शिवराज सिंह कह रहे हैं कि फ्लोर टेस्ट मे देरी होने से हॉर्स ट्रेडिंग हो जाएगी। अरे, आप तो पहले ही खरीद-फरोख्त कर चुके हो। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।’’

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