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शेयर बाजार में एक झटके में डूब गए 12 लाख करोड़, लगाना पड़ा लोअर सर्किट

शेयर बाजार में एक झटके में डूब गए 12 लाख करोड़, लगाना पड़ा लोअर सर्किट

दुनियाभर में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है. इस वजह से अमेरिका से लेकर भारत तक के शेयर बाजारों में कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. भारतीय बाजार में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली और अंतिम कारोबारी दिन बाजार गिरावट के साथ ही खुला. हालात इतने बदतर हो गए हैं कि सप्‍ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में लोअर सर्किट लग गया.

इस वजह से शेयर बाजार में 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोक दी गई. मतलब ये कि इस दौरान शेयर बाजार में किसी भी तरह का कारोबार नहीं हुआ. यही नहीं, इस लोअर सर्किट की वजह से निवेशकों के 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गए. ऐसे में सवाल है कि ये लोअर सर्किट क्‍या होता है और आखिर 45 मिनट तक के लिए ट्रेडिंग क्‍यों रोक दी गई.

 

दरअसल, शेयर बाजार में 10 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट की स्थिति में लोअर सर्किट लगता है और ट्रेडिंग रोक दी जाती है. इसका मतलब ये हुआ कि इस दौरान शेयर बाजार में किसी भी तरह का कारोबार नहीं होता है. स्‍टॉक एक्‍सचेंज के नियमों के मुताबिक दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से अलग-अलग अवधि के लिए बाजार बंद होते हैं. नियम के मुताबिक पहला लोअर सर्किट 45 मिनट का लगता है. यही वजह है कि शुक्रवार को शेयर बाजार में 45 मिनट के लिए कारोबार थम गया.

क्‍यों लगता है लोअर सर्किट?

शेयर बाजार को भारी गिरावट से बचाने के लिए लोअर सर्किट लगाया जाता है. इसका मकसद निवेशकों के निवेश को सुरक्षित रखा होता है. बता दें कि शुक्रवार को शेयर बाजार में ट्रेडिंग रोकी गई थी तब सेंसेक्‍स 3090.62 अंक लुढ़क कर 29,687.52 अंक पर था. वहीं निफ्टी की बात करें तो यह 966.10 की गिरावट के साथ 8,624.05 अंक पर था.

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