Coronavirus के बहाने संकट टालने की फिराक में Kamal Nath सरकार

मध्यप्रदेश में Kamal Nath सरकार पर संकट गहरा रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं और उनके समर्थक 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से शुरू होना है। यदि सदन की कार्रवाई शुरू होती है तो भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग करेगी। मौजूदा स्थिति में संख्याबल Kamal Nath के साथ नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में सरकार ने विधानसभा सत्र आगे बढ़ने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। प्रदेश के सियासी संकट के बीच संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस के खतरे के कारण प्रदेश में विधानसभा का बजट सत्र स्थगित किया जा सकता है।
संसदीय कार्यमंत्री का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण कई अहम कार्यक्रम रद्द हुए हैंं। ऐसे में विधानसभा का बजट सत्र भी आगे बढ़ा देना चाहिए। ऐसा नहीं किया गया तो विधायको में यह संक्रमण हो सकता है।
बता दें, सिंधिया समर्थक 20 विधायक कर्नाटक में हैं। Kamal Nath और उनके समर्थक कह रहे हैं कि इन विधायकों को जबरदस्ती बंदी बनाकर वहां रखा गया है। Kamal Nath के अनुसार, ये विधायक सरकार के साथ हैं और फ्लोर टेस्ट होने पर सरकार के समर्थन में ही वोट करेंगे। वहीं भाजपा मानकर चल रही है कि अब Kamal Nath सरकार कुछ दिन की मेहमान हैं।
आसान नहीं होगा फ्लोर टेस्ट तक पहुंचना
वैसे कहा जा रहा है कि भाजपा के लिए इतनी जल्दी फ्लोर टेस्ट करवाना आसान नहीं होगा। सबसे पहले तो विधानसभा अध्यक्ष को बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने होंगे। स्पीकर कर रहे हैं कि विधायक स्वयं आकर उन्हें इस्तीफा दे। वहीं मामला कोर्ट गया तो भी फ्लोर टेस्ट में देरी होगी।