हाईकोर्ट ने निर्देश दिए प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक लगाएं’

ग्वालियर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शासन को प्रदेशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन व उपयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि शासन सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण करने वाले उद्योगों को उत्पादन बंद करने के लिए निर्देश जारी करे। गौरव पांडे की जनहित याचिका को निराकृत करते हुए कोर्ट ने कहा, ऐसी मान्यता है कि यदि आप लंबे समय तक जीवित रहना चाहते हैं तो आपको पर्यावरण की सुरक्षा करनी होगी।
ऐसे पदार्थ जो प्राकृतिक तरीके से नष्ट नहीं होते जैसे प्लास्टिक, पॉलिथीन व अन्य (नाॅन-बाॅयोडिग्रेडेबल), उनका उपयोग प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण और अप्रत्यक्ष रूप से आमजन को नुकसान पहुंचाता हैं। प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक लगाएं ऐसे में केवल शासन को दिशा निर्देश जारी करने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। इसके लिए नागरिकों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। कोर्ट ने शासन को प्रत्येक तीन माह में पालन प्रतिवेदन (कंप्लायंस रिपोर्ट) भी पेश करने का निर्देश दिया है। यहां बता दें कि गौरव पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए प्लास्टिक व पॉलिथीन बैग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
पाॅलीथिन बैन फिर भी धड़ल्ले से हो रहा उपयोग : प्रदेश सरकार ने 2004 में मप्र जैव अनाश्य अपशिष्ट (नियंत्रण) नियम के अंतर्गत 50 माइक्रोन से कम मोटी पाॅलिथीन के उत्पादन व उपयोग पर रोक लगाई थी। 24 मई 2017 को प्रदेश सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए पाॅलिथीन कैरीबैग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, इसके बाद भी इसका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है।