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रेलवे निजीकरण के विरोध के मध्य रवाना हुई काशी-महाकाल एक्सप्रेस

रेलवे निजीकरण के विरोध के मध्य रवाना हुई काशी-महाकाल एक्सप्रेस

इंदौर. रेलवे निजीकरण के विरोध के मध्य देश की तीसरी निजी ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस शुक्रवार को इंदौर से रवाना हुई। सुबह 10.55 बजे इंदौर से उज्जैन होते हुए वाराणसी के रवाना हुई इस ट्रेन का रेलवे कर्मचारियों ने विरोध किया। विरोध का कारण रेलवे का निजीकरण किया जाना है।

शुक्रवार को ट्रेन के रवाना होने से पहले रेलवे कर्मचारियों ने हाथ में लाल झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने निजीकरण बंद करो…प्रधानमंत्री शर्म करो…प्रधानमंत्री होश में आओं…रेल मंत्री शर्म करों रेल को बेचना बंद करो…हिटलरशाही नहीं चलेगी…दादागिरी नहीं चलेगीआदि नारे लगाए गए। विरोध प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि ट्रेनों का निजीकरण होने से बेरोजगारी बढ़ेगी जिसका लगातार विरोध किया जा रहा है। कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया था।
बहरहाल इंदौर से रवाना हुई 12 कोच की यह निजी ट्रेन उज्जैन, बैरागढ़, बीना, झांसी, कानपुर, सुल्तानपुर होते हुए शनिवार सुबह 6 बजे वाराणसी पहुंचेगी। ट्रेन में 3-एसी के नौ कोच (702 सीटें) है। पेंट्रीकार अौर दो पॉवर जनरेटर वैन भी है। आईआरसीटीसी ने जो बुकिंग शुरू की, उसमें फिलहाल सामान्य किराया 2016 रुपए है।

20 दिनों की एडवांस बुकिंग
आईआरसीटीसी की वेबसाइट, आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट एप के माध्यम से बुकिंग की जा सकेगी। रेलवे के अधिकृत एजेंटों के माध्यम से भी रिजर्वेशन किया जा सकेगा।
ट्रेन में किसी तरह का कन्सेशन नहीं दिया जाएगा। हर व्यक्ति को तय किराया देना होगा।
चार्ट बनने के बाद ट्रेन के चलने के पांच मिनट पहले तक प्लेटफॉर्म पर भी यात्रियों को करंट बुकिंग आईआरसीटीसी द्वारा दी जाएगी।

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