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धार मॉब लिंचिंग मामले में स्पेशल टीम ने तीन लोगों को पकड़ा

धार मॉब लिंचिंग मामले में स्पेशल टीम ने तीन लोगों को पकड़ा

मजदूरों को बतौर एडवांस दिए रुपए लेने आए सांवेर तहसील के खेड़ा गांव के किसानों ने बुधवार सुबह 9 बजे तिरला थाने पहुंचकर सूचना दे दी थी। पुलिस ने उनसे कहा था कि तुम रुपए मांग लेना, विवाद मत करना। लेकिन किसानों को नहीं मालूम था कि बच्चा चोर की अफवाह फैलाकर उनके साथ जमकर मारपीट की जाएगी। वाहनों में तोड़फोड़ के साथ आग लगा दी जाएगी। किसान एक मकान में छिप गए, लेकिन भीड़ ने दरवाजा तोड़कर उन्हें निकाला और बेरहमी से पीटते रहे। ग्राम खेड़ा के किसानों के साथ जिस तरह मारपीट की गई, उसके वायरल वीडियो देखकर ही लोगों के रोंगटे खड़े हो गए हैं। भीड़ के हाथ में लाठी-पत्थर जो आया वह बरसाना शुरू कर दिया। पीड़ित जान की भीख मांग रहे थे, लेकिन गुस्साई भीड़ ने मानवीयता की हद पार कर दी। एक व्यक्ति पर 200 से 300 लोग प्रहार कर रहे थे। पुलिस के दो जवानों के आने पर भी भीड़ किसानों को पीटती रही। पुलिस बल ने पहुंचकर अश्रु गैस के गोले छोड़ भीड़ को तितर-बितर किया। इस मामले में बनाई गई स्पेशल टीम ने तीन लोगों को पकड़ लिया है, उनसे पूछताछ की जा रही है। आज मंत्री जीतू पटवारी घटना में मारे गए एक किसान के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे इसके साथ ही वे इंदौर के अस्पताल में भर्ती घायलों से भी मिलेंगे।

विनोद पिता तुलसीराम मुकाती निवासी शिवपुर खेड़ा गांव तहसील सांवेर जिला इंदौर ने बताया कि मैं खेती करता हूं। मेरे सहित मेरे ही ग्राम के गणेश पिता मनोज तथा लिम्बा पिपलिया के राधेश्याम पिता लिम्बा, नरेंद्र पिता सुंदरलाल शर्मा, जगदीश पिता राधेश्याम शर्मा व जगदीश पिता पूनमचंद्र ने तिरला ब्लॉक के खिरकिया ग्राम के पांच मजदूरों अवतार, जामसिंह, महेश, राजेश व सुनील को 6-7 माह एडवांस के तौर पर हरेक को 50-50 हजार रुपए (कुल ढाई लाख रुपए) दिए थे। ये पांचों हमारे यहां मजदूरी पर आने की बजाए गुजरात चले गए थे। जब इन लोगों से हमने रुपए वापस मांगे तो इन्होंने अपने ग्राम में रुपए लेने के लिए हमें बुलाया था। बुधवार सुबह 6 बजे हम पांचों के साथ रवि पिता शंकरलाल निवासी लिम्बा पिपलिया दो कारों में सवार होकर खिरकिया के लिए निकले। हमें इलाके के बारे में जानकारी नहीं थी तो हमने खिरकिया ग्राम के ही मुकेश पिता अंतरलाल, जो हमारे ग्राम में मजदूरी के लिए आया था, को भी साथ बैठा लिया।

हम सातों करीब सुबह 9 बजे तिरला पुलिस थाने पहुंचे तथा वहां पुलिस को अपने आने का कारण बताया। इसके बाद हम तिरला से करीब 8 किमी दूर खिरकिया ग्राम पहुंचे। जहां पहुंचते ही 15-20 ग्रामीणों ने हमारा रास्ता रोक लिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी। हम घबरा गए। जैसे-तैसे कार पलटाकर जान बचाकर भागे। मनावर रास्ते पर गाड़ी दौड़ा दी। इसी दौरान खिरकिया के पत्थरबाजों ने आगे के ग्रामों में मोबाइल के जरिए झूठी सूचना फैला दी कि दो वाहनों में कुछ लोग दो बच्चों का अपहरण कर भागे हैं। सूचना फैलते ही ग्रामीणों ने हमारा पीछा शुरू कर दिया। रास्ते में तीन-चार स्थानों पर हमें रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन हम वाहन भगाते रहे। करीब 20 किमी दूर ग्राम बोरलाई में 150 से 200 लोगों ने बाइक अड़ाकर हमारी दोनों कारों को रोक लिया। देखते ही देखते वहां भीड़ जमा होना शुरू हो गई। हमने बचाव के लिए पास ही स्थित दुकान में घुसकर दरवाजा लगा लिया, लेकिन भीड़ ने दरवाजा तोड़ दिया और बुरी तरह से हमारे साथ लकड़ी, पत्थर आदि से मारपीट शुरू कर दी। उसके बाद हम सब बेसुध हो गए।

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