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उद्धव ठाकरे का ऐलान- नागरिकता साबित करना मुश्किल, महाराष्ट्र में नहीं लागू होगा NRC

उद्धव ठाकरे का ऐलान- नागरिकता साबित करना मुश्किल, महाराष्ट्र में नहीं लागू होगा NRC

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि वह महाराष्ट्र में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू नहीं करेंगे. शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साक्षात्कार में उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नागरिकता को छीनने के बारे में नहीं है, यह देने के बारे में है. अगर एनआरसी लागू किया गया, तो हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के लिए नागरिकता साबित करना मुश्किल होगा. मैं ऐसा नहीं होने दूंगा.’

इससे पहले लोकसभा में शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार का समर्थन किया था. हालांकि जब नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पारित होकर राज्यसभा पहुंचा, तो शिवसेना ने सदन से वाक आउट किया था. इसके बाद संसद के दोनों सदनों से नागरिकता संशोधन बिल पारित हो गया था और राष्ट्रपति की मंजूरी से कानून बन गया था. नागरिकता संशोधन अधिनियम को सरकारी गजट में भी प्रकाशित किया जा चुका है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का यह ताजा बयान उस समय सामने आया है, जब नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम मुसलमानों के खिलाफ है और धर्म के आधार पर भेदभाव करता है.

नागरिकता संशोधन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है. हालांकि मोदी सरकार का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है. इसका हिंदुस्तान के मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं हैं. मोदी सरकार का यह भी कहना है कि अभी तक एनआरसी को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई है.

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