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जनसम्पर्क मन्त्री बोले – चुन चुनकर करेंगे माफिया पर हमला

जनसम्पर्क मन्त्री बोले – चुन चुनकर करेंगे माफिया पर हमला

माफिया पर कहर बनकर टूट पड़े है कमलनाथ
-जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा
-चुन-चुनकर खत्म किए जाएंगे 11 चिन्हित दबंग
भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार माफियाओं पर कहर बनकर टूट पड़े हैं। यह कहना है प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का। वह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान यह दावा भी किया कि, प्रदेश के कोने-कोने से चुन-चुन कर माफियाओं का सफाया किया जाएगा और कानून का राज स्थापित किया जाएगा ।
विपक्षी दल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपो के विपरीत उन्होंने माफिया के खिलाफ सरकार की कार्यवाई को जायज ठहराया।
और बताया कि प्राथमिक रूप से 11 प्रकार के माफियाओं को चिन्हित किया गया है। इनमें में ड्रग माफिया भ-माफिया, वसूली /फिरौती माफिया, शराब माफिया, मिलावट माफिया, चिटफण्ड माफिया, अवैध कॉलोनी माफिया, ब्लैकमेल माफिया, माइनिंग माफिया, ट्रान्सपोर्ट माफिया और सहकारी माफिया है, जिनके खिलाफ समूचे प्रदेश में व्यापक रूप से कार्यवाही की जा रही है।

अब तक इनके खिलाफ हुई कार्यवाई
अब तक की कार्यवाही में 615 भू-माफियाओं पर, 694 शराब माफिया, 150 मिलावट माफिया, 85
सहकारी माफिया, 149 वसूली माफिया तथा ट्रान्सपोर्ट माफियाओं के 1053 वाहनों पर कार्यवाही की गई है।

माइनिंग माफिया मुक्त बनेगा मध्यप्रदेश :
शर्मा ने कहा कि, समूचे प्रदेश में माइनिंग माफियाओं के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाया जा रहा है । अवैध उत्खनन के 1330 मामले दर्ज किये गये है, अवैध परिवहन के 8294 और अवैध भण्डारण के 531, अर्थात माफिया मुक्त अभियान के तहत 10155 कार्यवाही की गई हैं। साथ ही गौण खनिज के मामले में भी 1830 कार्यवाही की गई है, जिससे मध्यप्रदेश को 30 करोड 76 लाख रुपये राजस्व के रूप में प्राप्त
हए।

बढ़ाया गया राजस्व
मंत्री ने कहा कि 15 सालों की भाजपा सरकार ने अकेले रेत के अवैध उत्खनन में प्रदेश के खजाने
से लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की लूट की है। क्योंकि 2018 तक रेत से जो वार्षिक राजस्व प्राप्त
होता था यह लगभग 223 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष था। कमलनाथ सरकार ने रेत की इस लूट पर रोक
लगाई और नई रेत नीति से अब प्रदेश को सालाना 1234 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।

शराब माफिया की खैर नहीं
मध्यप्रदेश में बीते 15 वर्ष की भाजपा सरकार में शराब माफिया बहुत बड़े पैमाने पर फला-फूला
है। मध्यप्रदेश में माफिया मुक्ति अभियान के तहत अब तक संगठित होकर अपैध शराब का कारोबार
करने वाले 694 माफियाओं को पकड़ा गया है, जिनसे 9 करोड़ रुपये से अधिक की मदिरा जब्त की गई है, साथ ही इन लोगों से 240 वाहन भी जब्त किये गये है। अवैध शराब बेचने वाले भी सैकड़ों की संख्या में गिरफ्तार किये गये हैं और यह अभियान जारी है।

सलाखों के पीछे मिलावट माफिया –
समूचे प्रदेश में मिलावट माफियाओं के खिलाफ व्यापक कार्यवाही की गई दूध एवं दूध उत्पादों
एवं अन्य खाद्य पदार्थों/ पान मसाला सहित 11536 नमूने जाँच के लिये गये जिसमें अवमानक/ मिथ्याछाप/ अपद्रव्य के 1467 प्रकरण पाये गये, जिसमें 108 एफ.आई.आर. दर्ज की गई तथा 41 खाय कारोबारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत निरुद्ध किया गया।

मादक पदार्थ माफियाओं के चंगुल से मुक्त होंगे नौनिहाल –
ड्रग माफिया अभियान के तहत कुल 4227 अवैध ड्रग माफियाओं को पकड़ा गया जिनके पास से
1211 किलोग्राम स्मैक, 172754 किलोग्राम अफीम एवं 53018 अफीम पौधा, 1018973 किलोग्राम गांजा एवं 7949 नग गांजा पौधा 6:154 किलोग्राम चरस, 39799 किलोग्राम डोडा चूरा, केमिकल ड्रग्स में 73120 सीरप शीशियाँ, 41925 टेबलेट्स 196.920 लीटर एसिटिक एनहाइड्राइड, 3300 किलोग्राम अल्ट्राझोलम पावडर जब्त किये गये। माफ नहीं किये जाएंगे सहकारी व भू-माफिया मध्यप्रदेश में भाजपा राज में सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं पर माफियाओं ने कब्जा कर लिया था । ये प्रदेश के नागरिक, जो अपने आवास की आस लिये बैठे थे, उन्हें न्याय नहीं मिला । कमलनाथ सरकार ने तय किया कि सहकारी गृह निर्माण समितियों को माफियाओं से मुक्त कराएंगे ।

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