आईएएस गौरी सिंह के वीआरएस लेने पर विधानसभा में हंगामा

मध्य प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के चौथे दिन महिला आईएएस अफसर गौरी सिंह द्वारा वीआरएस लिए जाने को लेकर विपक्ष ने शून्यकाल में हंगामा किया। विधायकों ने गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी की। पूर्व मंत्री शिवराज सिंह चौहान नरोत्तम मिश्रा गोपाल भार्गव ने आईएएस अफसरों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब आईएएस अफसर के ऐसे हालात हैं तो बाकी कर्मचारियों का क्या रहो रहा होगा। विपक्ष ने सरकार पर पूरक पोषण माफिया के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। सत्ता पक्ष की ओर से सज्जन सिंह वर्मा, तरुण भनोत ने इसका जवाब दिया। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा असली वजह यह नहीं है, यह कदम उनके द्वारा पंचायत राज्य संस्थाओं के आरक्षण संबंधी आदेश को बिना किसी उच्च स्तरीय अनुमोदन के जारी किए जाने के चलते तबादला किया गया था। तरुण भनोट ने कहा कि वल्लभ भवन में दलाल बैठते हैं ऐसा कहना सरासर गलत है। वहां पर नेता, कार्यकर्ता, आम जनता सभी आते हैं। वहीं कमलेश्वर पटेल ने भी कहा कि पंचायतों का आरक्षण देना अनुमोदन के घोषित कर दिया था, यह संवैधानिक नहीं है नियम विरुद्ध है, इस मुद्दे को लेकर शून्यकाल में जबरदस्त हंगामा हुआ।शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अतिथि विद्वान, अतिथि शिक्षक और संविदा शिक्षकों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह सभी लोग परेशान हैं। अतिथि विद्वान मुंडन करा रहे हैं सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं है। डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने पूछा कि कांग्रेस ने वचन पत्र में इन्हें नियमितीकरण करने का वादा किया था कि नहीं। इसका जवाब जीतू पटवारी ने देते हुए कहा कि वचन पत्र में जो वादे किए गए हैं, वह हर हाल में पूरे किए जाएंगे। अतिथि विद्वानों के लिए कार्य योजना बनाई जा चुकी है। किसी भी अतिथि विद्वान को निकाला नहीं जाएगा, अतिरिक्त पद बनाए जा रहे हैं। डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मंत्री अतिथि विद्वानों को धमका रहे हैं।